Respect For Guru; गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करती श्रेया की कथक मंच पर एंट्री।
Respect For Guru : पिछले कुछ वर्षों से सिंगापुर में रहते थे; लेकिन भारतीय शास्त्रीय नृत्य के प्रति अपने प्रेम के कारण कथक की कला में महारत हासिल करने वाली श्रेया चतुर्वेदी ने आज अपने मंच प्रवेश प्रदर्शन के माध्यम से अपने गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने विभिन्न ताल-मात्रा रचनाओं पर अपने शानदार नृत्य प्रदर्शन से प्रशंसकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
श्रेया ने (Respect For Guru) यह कीमिया सोलह साल की उम्र में हासिल की है। श्रेया चतुवेर्दी का अनोखा मंच प्रवेश समारोह निगडी, प्राधिकरण ग दी माडगुळकर ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर पद्म भूषण पंडित विश्वमोहन भट्ट, पद्मश्री गिरीश प्रभुणे, कथक नृत्य गुरु पंडित नंदकिशोर कपोते, कथक नृत्य गुरु जफर मुल्ला खान, पंडित राजेंद्र गंगानी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संभागीय कार्यवाह मुकुंद कुलकर्णी प्रमुख रूप से उपस्थित थे। श्रेया के साथ शंकर कुचरेकर (तबला), ज्ञानेश भोईर (डैनियल, स्वर), नितीश पुरोहित (सरोद), श्रेया पाटनी (पढंत), नृत्य गुरु (Respect For Guru) अफसर मुल्ला खान (पखावज) थे।
(Respect For Guru) श्रेया ने अपने प्रदर्शन की शुरुआत केदार राग के पंचाक्षर शिवस्तुति से की। इसके बाद उन्होंने वीररस का प्रतिनिधित्व करने वाली लय धमार में उठान, तोड़ा, पारण, आमद, चक्रदर्पण का सशक्त प्रदर्शन कर कला में अपनी महारत की झलक दिखाई।
श्रेया ने जफर मुल्ला खान के राग मल्हार के गाने ‘गरजत बरसत मन भावत’ पर डांस कर मनमोहक परफॉर्मेंस दी. श्रेया ने तीन ताल में तोड़ा, परन, ताल की तिहाई, गत निकास, चक्कर का तोड़ा की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जो कथक नृत्य शैली के बनारस, लखनऊ और जयपुर राजवंशों की विशेषता है। इसके बाद बंदिश चतुरंगा द्वारा ‘छम छन्नन बाजत पैंजनियां’ प्रस्तुत किया गया।
श्रेया ने गुरु भैरवी को प्रणाम कर प्रस्तुति का समापन किया। उन्होंने तबले पर बोल के साथ नृत्य की जुगलबंदी कर कथक नृत्य में भी अपनी दक्षता दिखाई।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिष्ठित गुरुओं ने श्रेया (Respect For Guru) की प्रस्तुति की सराहना की और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं। डांस गुरु मनीषा साठे, निवेदिता जोशी, शतरंज खिलाड़ी प्रवीण थिप्से ने ऑडियो और वीडियो के जरिए श्रेया को शुभकामनाएं दीं।
पंडित विश्वमोहन भट्ट ने कहा, नृत्य की कला में गायन और वादन की कला भी शामिल है। श्रेया ने कम उम्र में ही शास्त्रीय भारतीय शास्त्रीय नृत्य परंपरा में महारत हासिल कर ली है और अपने परिपक्व और मनमोहक नृत्य से सभी को चकित कर दिया है।
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भारत में न रहते हुए भी श्रेया समर्पण भाव से भारतीय नृत्य शैली कथक में प्रशिक्षण ले रही हैं और उनके माता-पिता उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं।
अजय चतुवेर्दी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, कथक नृत्य में प्रशिक्षण की कमी के कारण किया जाने वाला मंच प्रवेश समारोह, कथक कला के प्रति श्रेया (Respect For Guru) के समर्पण को बढ़ावा देने के लिए अरंगेत्रम की तर्ज पर गायकों, वादकों की मंचीय भागीदारी के साथ आयोजित किया गया था।
गणमान्य अतिथियों का स्वागत शिवलाल चतुवेर्दी, अजय चतुवेर्दी, पूनम चतुवेर्दी, विनोद बंसल, सचिन कालभोर ने किया। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलन से हुई। संचालन स्मिता कुलकर्णी ने किया।